नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के हौसले ना सिर्फ बुलंद हैं, बल्कि वे दोगुने उत्साह के साथ केंद्र सरकार से मोर्चा लेने के लिए तैयारियां कर रहे हैं। शाहजहांपुर खेड़ा बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को सौ दिन पूरे हो गए हैं, लेकिन उनकी हिम्मत और हौंसले कमजोर नहीं हुये है। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शाहजहांपुर–खेड़ा बॉर्डर पर विगत 23 मार्च से यह कार्यक्रम शुरू हुए हैं। शहीदे आजम भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का शहीदी दिवस मनाया गया। राजस्थान, हरियाणा सहित अन्य राज्यों से युवा किसान साथी इस कार्यक्रम में भारी संख्या में सम्मिलित हुए। शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए किसान–महापंचायत का आयोजन किया गया गया।
किसानों ने 26 मार्च को भारत बंद किया है पूरे देश में बाजार पूरी तरह से बंद रहेंगे। बंद को सफल बनाने के लिए किसान नेता गांव–गांव जाकर किसानों से संपर्क कर रहे हैं। इसके तहत किसान नेता राजस्थान सहित देश के विभिन्न राज्यों में पंचायत कर रहे हैं। लोगों को किसान आंदोलन से जोड़ने का काम कर रही हैं। साथ में सरकार की किसान विरोधी नीतियों के बारे में लोगों को जानकारी दी जा रही है। इस दौरान जयपुर दिल्ली नेशनल हाईवे जयपुर आगरा नेशनल हाईवे हरियाणा पंजाब सहित देश के विभिन्न राज्यों से गुजरने वाले नेशनल व स्टेट हाईवे को बंद किया जाएगा। सभी मंडी और बाजार को बंद कराया जाएगा। इसके लिए किसानों की तरफ से खास तैयारी की गई है। अलग–अलग समितियां बनाई गई हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में किसानों व लोगों के संपर्क में रहें। बारिश, ओलावृष्टि में भी डटे रहे किसान -100 दिन धरने के दौरान किसानों को सर्दी ने खासा परेशान किया। शाहजहांपुर के आसपास क्षेत्र में तापमान -2 तक पहुंच गया था। टेंट और किसानों के गद्दे ओस की बूंदों से गीले हो जाते थे। किसानों के रहने के लिए वाटर प्रूफ टेंट लगाए गए। गद्दे की व्यापक व्यवस्था की गई। खाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए। अलाव के सहारे किसानों को कई रातें गुजारनी पड़ीं। उसके बाद बारिश, ओलावृष्टि, तूफान में किसानों के टेंट टूट गए, कपड़े गीले हो गए, बिस्तर खराब हो गए, लेकिन उनकी हिम्मत नहीं टूटी। किसानों पर पत्थरबाजी व हमले हुए। कई एफआईआर दर्ज हुई व आरोप लगे, लेकिन किसान पीछे नहीं हटे।
देश के विभिन्न हिस्सों से अलवर आए किसान अपना विरोध दर्ज कराने के लिए अलवर पहुंच रहे हैं। केरल, पश्चिम बंगाल, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक सहित देश के विभिन्न राज्यों के शहरों से हजारों की संख्या में किसान शाहजहांपुर में खेड़ा बॉर्डर पहुंच रहे हैं।