आज़ाद किसान कमेटी, दोआबा
हरपाल जी बताते हैं कि कई किसानों ने 50 लाख तक के आलू बोए हैं, यानि की यह एक परिपूर्ण इलाक़ा है, आत्महत्या जैसी कोई समस्या इतनी नहीं है। छोटे से छोटे किसान भी सब्ज़ियाँ आदि लगाकर अच्छी आय अर्जित करते हैं। हम इस आंदोलन में तब शामिल हुए जब हमें एहसास हुआ की हमारी ज़मीनें चली जाएँगी।