विपुल- एक किशोर प्रदर्शनकारी

विपुल- एक किशोर प्रदर्शनकारी

किसी भी आकर्षक, सुंदर और मासूम सा दिखने वाला लड़का विपुल, गाजीपुर मोर्चा का एक युवा प्रदर्शनकारी है। उसने अभी तक किशोरावस्था को पार नहीं  किया है। वह सिर्फ 18 साल का है। बीबीए द्वितीय वर्ष का छात्र विपुल, गाजियाबाद जिले के शेरपुर गांव का रहने वाला है। उसके पिता किसान हैं। उसकी माँ, खेती के साथ-साथ, 2 गायों, 2 भैंसों और 2 बछड़ों को पालती है और घर की देखभाल भी करती है। विपुल के बड़े भाई अभी बीएससी अंतिम वर्ष में हैं।

विपुल का कहना है, “यह मेरा आंदोलन है क्योंकि मैं एक किसान परिवार से आता हूँ। तीनों काले कानूनों के खिलाफ हो रहे इस आंदोलन का मैं पुरजोर समर्थन करता हूँ”। कॉलेज के क्लास खत्म होने के बाद विपुल हर दूसरे दिन गाजीपुर मोर्चा पहुँच ही जाता है।विपुल आर्मी की तैयारी कर रहा है। सेना में सेवा करना उसके परिवार का सपना है। इस उद्देश्य के साथ, उसने पीसीएम (भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित) के साथ 12वीं पास की। वह सेना के नर्सिंग सहायता विभाग में सेवा देना चाहता है। घर के कर्तव्यों के लिए उसकी माँ ने 2 साल बीए करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी और वो विपुल के लिए इस पेशे को आगे बढ़ाने की प्रेरणा है।

विपुल ने अपना समय पढ़ाई और प्रदर्शन के बीच बांट लिया है। जब वह गाजीपुर में होता है, तो वह सोशल मीडिया पर आंदोलन संबंधी जानकारी पोस्ट करता है। उसके मुताबिक़ इस आंदोलन की  सबसे अच्छी बात है इसकी एकता। वह 10-11 साल का रहा होगा जब मुज़फ़्फ़रनगर दंगा हुआ था। वो बताता है, “मेरा भी यही मानना ​​था कि यह करो या मरो की लड़ाई है। लेकिन अब मुझे  ऐसा नहीं लगता”। यह आंदोलन हमें एक साथ लाया है। हम जानते हैं कि एकता के बिना हम जीत नहीं सकते। किसानों को आतंकवादी कहना मोदी जी की एक बहुत बड़ी गलती है। भविष्य में, मैं उस पार्टी को वोट दूंगा, जो किसानों के पक्ष में नीतियां बनाएगी”।

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