मोर्चों से परे किसान अांदोलन का असर

मोर्चों से परे किसान अांदोलन का असर

संयुक्त किसान मोर्चा 

किसानों द्वारा भाजपा व उसके सहयोगी दलों के नेताओं का शांतिपूर्वक सामाजिक बहिष्कार देश के अलग अलग राज्यों में जारी है। पहली अप्रैल को हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का हिसार पहुंचने पर किसानों द्वारा जमकर विरोध किया गया। किसानों ने किसान विरोधी दुष्यंत चौटाला का हवाई जहाज हिसार में उतरने नहीं दिया। 

राजस्थान के हनुमानगढ़ में डबली टोल प्लाजा पर किसानों ने पीलीबंगा के विधायक धर्मेंद्र सिंह को घेरा। किसानों का यह कहना था कि वे वोट के समय तो किसानों मजदूरों के हितैषी बनते है पर आज जब किसान संघर्ष कर रहा है तो उसके खिलाफ खड़े हुए है।

वहीं देश के धुर दक्षिण के राज्य तमिलनाडु में कन्याकुमारी के नजदीक मनाकुडी में किसानों व मछुआरों की एक बड़ी महापंचायत आयोजित की गई। इस रैली में हज़ारों की संख्या में किसान, मजदूर व मछुआरे शामिल हुए। कई क्षेत्रीय मुद्दों सहित राष्ट्रीय मुद्दों पर हुई इस पंचायत में लोगों ने कहा कि वे चुनाव में भाजपा व उसके सहयोगियों को सबक सिखायेंगे। इस कार्यक्रम में 300 से ज्यादा नावों ने समुद्र में काले झंडे दिखाकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया।

त्रिवेन्द्रम में No Vote for BJP/NDA के बैनर लगाए गए। और ये बैनर लगाते समय किसान नेता बीजू व अन्य नेताओं पर भाजपा आरएसएस के कार्यकर्ताओं द्वारा हमला किया गया व उनको पीटा गया। जिसकी संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा कठोर शब्दों में निंदा की गई और कहा गया कि देश में इस तरह का व्यवहार स्वीकृत नहीं होगा। किसान मोर्चा ने आह्वान किया है कि जनता भाजपा के खिलाफ वोट करें।

पंजाब के 32 किसान संगठनों और संयुक्त किसान मोर्चा ने फैसला किया है कि किसान आंदोलन को तेज करने के लिए लखा सिधाना व उसके साथियों के साथ मिलकर आगे बढ़ा जाएगा। हम सभी संगठनों, नेताओं, सिख विचारकों, खिलाड़ियों, कलाकार समुदाय को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने किसान संघर्ष को मजबूत करने के लिए इस मुद्दे को हल किया है।

भाजपा व उसके सहयोगी दलों के सांसदों व अन्य चुने हुए प्रतिनिधियों को किसानों ने किसान आन्दोलन का समर्थन करने का आग्रह किया। सयुंक्त किसान मोर्चा इन नेताओं से अपील करता है कि वे इस्तीफे से लेकर किसी भी तरह से किसान आंदोलन का समर्थन कर सकते हैं।

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