प्रति
श्री राष्ट्रपति महोदय,
भारत
विषय: किसान आंदोलन के दौरान जेलों में बंद निर्दोष किसानों की बिना शर्त रिहाई और झूठे केसों व जारी किए जा रहे नोटिस रदद् करने सम्बधी।
महोदय,
विनम्र निवेदन है कि पिछले छह महीनों से देश के किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ और एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित कुछ अन्य मांगों के लिए विभिन्न तरीकों से और विभिन्न स्तरों पर लड़ रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में, पिछले तीन महीनों से, किसान अनिश्चित काल के लिए दिल्ली के आसपास धरना लगाए हुए है, लेकिन सैकड़ों किसानों और आन्दोलन समर्थकों को भारत सरकार और कई राज्य सरकारों द्वारा जेलों में डाल दिया गया है और झूठे मामले बनाए गए हैं।
आज पूरे देश में दमन–विरोधी दिवस मनाते हुए, हम निम्नलिखित मांगों को जिला और तहसील अधिकारियों के माध्यम से आपके पास भेज रहे हैं। हमें उम्मीद है कि आप इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करेंगे।
- जेलों में बंद निर्दोष किसानों के खिलाफ दर्ज पुलिस मामलों को खारिज कर दिया जाना चाहिए और उन्हें तुरंत बिना शर्त रिहा किया जाना चाहिए।
- किसानों और उनके संघर्ष के समर्थक व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ में दर्ज झूठे पुलिस मामलों को खारिज कर दिया जाना चाहिए।
- दिल्ली पुलिस, एनआईए और अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा संघर्ष में शामिल किसानों को डराने–धमकाने के लिए भेजे जा रहे नोटिस को तुरंत रोका जाना चाहिए और पहले के नोटिस को रद्द कर दिया जाना चाहिए।
- दिल्ली की सीमाओं पर किसान मोर्चाें की पुलिस की घेराबंदी के नाम पर, आम आदमी की बंद सड़कों को खोला जाना चाहिए।
सधन्यवाद
संयुक्त किसान मोर्चा, शामिल संगठन और व्यक्ति