रघुवीर सहाय
राष्ट्रगीत में भला कौन वह
भारत–भाग्य–विधाता है
फटा सुथन्ना पहने जिसका
गुन हरचरना गाता है.
मखमल टमटम बल्लम तुरही
पगड़ी छत्र चंवर के साथ
तोप छुड़ाकर ढोल बजाकर
जय–जय कौन कराता है.
पूरब–पश्चिम से आते हैं
नंगे–बूचे नरकंकाल
सिंहासन पर बैठा,
उनके तमगे कौन लगाता है.
कौन–कौन है वह
जन–गण–मन
अधिनायक वह महाबली
डरा हुआ मन बेमन जिसका
बाजा रोज बजाता है.