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74 वर्षीय जसवीर कौर

हरशरनजीत कौर

उत्तर प्रदेश के बिलासपुर ज़िले के बिशारतनगर से आने वाली 74 वर्षीय जसवीर कौर को कमेटी के द्वारा 14 जनवरी को वापस भेजा गया और 13 फ़रवरी को जसवीर कौर ग़ाज़ीपुर मोर्चे पर रुकने के लिए वापस गई।मैं किसानी परिवार से हूँ पर में देशप्रेम, अपने साथी किसानों के प्रति लगाव और अपने धर्म, जो हमेशा अन्याय के ख़िलाफ़ लड़ना सिखाता है, के चलते यहाँ पर हूँ। 

जब मैं यहाँ आई तब मेरा वापस जाने का बिलकुल मन नहीं था लेकिन 28 की घटना ने मेरे साथ साथ सभी महिला प्रदर्शनकारियों में डर का माहौल था और इसी के चलते मुझे और मेरी छोटी बहन को दूसरी जगह भेजा गया। मैं अब वापस गई हूँ और जब तक मेरा शरीर साथ देगा मैं यहीं रहूँगी। मुझे हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी है इसलिए मैं बाक़ी महिलाओं से धीरे चलती हूँ और ज़्यादातर एक श्रोता के तौर पर यहाँ वक्त बिताती हूँ। मैं यहाँ कभी बीमार नहीं पड़ी, जबकि मैंने अपने पसंदीदा पकौड़े और जलेबी यहाँ खूब खाए है।  मैं अपने घर ज़्यादा बात नहीं करती और यहाँ अधिकतर वक्त पढ़ते हुए बिताती हूँ। एकता और दृढ़ता, अत्याचार के ख़िलाफ़ इस लड़ाई को जीतने के सबसे ज़रूरी औज़ार है।

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